मां
की गोदी में अपना सर याद आता है
बहुत
उदास होता हूँ तो घर याद आता है
शहरों
की गलियों में दौड़कर थक चुका हूं
अब
गाँव का वो बूढ़ा शजर याद आता है
लंबे
अरसे से सोया नहीं हूं, नींद चैन की
तेरी
थपकी, मीठी लोरी, बिस्तर याद आता है
बेशक
घूमी दुनिया मैंने, देख लिया संसार
उंगली
थामे मेले वाला, सफर याद आता है
मेरी
कामयाबियों पर जब जमाना डोलता है
तुम्हारी
नेमतों का वो असर याद आता है
@ सुनील राउत