Monday, February 1

मुझको अब तू हरबार चाहिए


वफ़ा के लिए वफ़ादार चाहिए
मुझको अब तू हरबार चाहिए

कनारे कश्ती आ ही जाएगी
नर्गिस में वो इंतज़ार चाहिए

जिंदगी का सौदा कर आया हूं
ऐ मौत तेरा इकरार चाहिए

यूं ही शोहरत हासिल नहीं होती
ज़माने में दुश्मन बे-शुमार चाहिए

आसमां से आ जाएगा माहताब
दिल मिलने को बे-करार चाहिए

              सुनील राऊत

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