कविता
बनती है बातों-बातों में
ख़यालों
में, जज्बातों में
कविता
टूटे दिलों का दर्पण है
प्रियतमा
के लिए प्रेम, समर्पण है
प्रेम
की पहली पाती है
अनुभव
की आंच है, सृष्टि है
कविता ऊसर हृदय पर प्रेम की वृष्टि है
कविता
आप बीती है
हँसती
है, कभी रोती है
मां के लिए लोरी है
मां के लिए लोरी है
बच्चों
के लिए ज्ञान की तिजोरी है
कविता,
अनाथ के लिए मां है
जो
बूझे उसके लिए सारा जहां है
कविता
आईना है समाज का
इतिहास
है आज का
विश्व,
राष्ट्र, स्वराज का
कविता
आज की तस्वीर है
कल
की जागीर है
कविता सुनहरा ख्वाब है, लिखने की ललक है
विचारों की दुनिया में उड़ने के लिए फ़लक है
सुबह की पहली अंगड़ाई है
पिता का संघर्ष, मां की लड़ाई है
बेटियों के लिए आज़ादी है, नाम है
कविता ज़ेहन में विचारों का संग्राम है
कविता भाव, अभाव, शक्ति के प्रभाव में
एक सृजन है, आने वाली बहार है
गीत है, संगीत है, सृष्टि का श्रृंगार है
जीवन-मरण का साथ है
इंसाफ की आस है
कविता, कभी न बुझने वाली प्यास है
सुनील राऊत
सुनील राऊत
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